
Mutual Fund क्या हैं ? | Mutual Fund Kya hain in Hindi
Mutual fund का मतलब हैं एक ही फण्ड में कई लोगो का पैसा ईकठा लगाया जाता हैं। Mutual fund में निवेशको का पैसा जमा किया जाता हैं एक पेशेवर फण्ड मैनेजर इस पैसे के पूल को मैनेज करता हैं तथा यह तय करता हैं की इस पैसे को कहा लगाया जाये। इस पैसे को शेयर मार्किट में निवेश किया जाता हैं और निवेशको को इसके बदले यूनिट दिया जाता हैं। शेयर में बाइंग और सेल्लिंग पर होने वाले मुनाफे को यूनिट धारको में यूनिट के अनुपात में बाट दिया जाता हैं। इस यूनिट को NAV कहा जाता हैं।
NAV(Net Asset Value) क्या होती हैं ?
NAV (Net Asset Value)-Mutual fund की एक यूनिट वैल्यू NAV कहलाती हैं। NAV भी शेयर मार्किट की तरह ऊपर नीचे होती हैं जब ऊपर होती हैं तो मुनाफा होता हैं और नीचे होती हैं तो नुक्सान उठाना पड़ता हैं। किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम की NAV होती हैं उसी के आधार पर निवेशकों को यूनिट्स दी जाती हैं। NAV हर ट्रेडिंग डे के अंत में निकाली जाती हैं।
Types of Mutual Fund in Hindi
Mutual Fund कई प्रकार के होते हैं लेकिन इन्हे दो category में बाटा गया हैं।
(1) Structure Base के आधार पर (2) Asset Class के आधार पर
Structure Base Mutual Fund Types
- ‘Open Ended Mutual Fund Scheme’- इस स्कीम में कभी भी फण्ड खरीद या बेचे जा सकते हैं इनमे लिक्विडिटी होती हैं इन्वेस्टर कभी भी एंट्री और एग्जिट ले सकते हैं अपने फण्ड से और कोई ‘Fixed Maturity Period’ नहीं होता हैं।
- ‘Close Ended Mutual Fund Scheme’- इस स्कीम में कभी भी फण्ड खरीद या बेचे नहीं जा सकते जब फण्ड का पीरियड पूरा होता हैं तभी बेचे सकते हैं।
- ‘Interval funds’-इंटरवल फण्ड वे होतें हैं जिसमे कि आपेनें और क्लोज एंडेड के फीचर होते हैं इसमें पहले से निर्धारित अंतराल में कई बार निवेश और निकलने का मौका होता हैं
Asset Class Mutual Fund Types
- डेब्ट फण्ड-डेब्ट फण्ड के डेब्ट इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जाता हैं गवर्नमेंट बांड्स या कंपनी डिबेंचर्स या फिक्स्ड एसेट में निवेश किया जाता हैं जिससे की एक फिक्स्ड Return मिलता हैं और ये एक सेफ इन्वेस्टमेंट होता हैं
- इक्विटी फण्ड-इक्विटी फण्ड में स्टॉक मार्किट में निवेश किया जाता हैं इसमें रिस्क ज्यादा होता हैं पर प्रॉफिट आने के चांस ज्यादा होते हैं
- लिक्विड फण्ड-लिक्विड फण्ड में पैसा शार्ट टर्म के लिये इन्वेस्ट किया जाता हैं इसके मातुरे होने का समय ९१ दिन का होता हैं
- बैलेंस्ड फण्ड-बैलेंस्ड फण्ड वो होते हैं जिनमे निवेश डेब्ट और इक्विटी फण्ड दोनों में किया जाता हैं दोनों का मिक्स होता हैं जिससे प्रॉफिट का रिस्क बैलेंस हो जाता हैं
- मनी मार्किट फण्ड-मनी मार्किट फण्ड वो होते हैं जो लिक्विड फण्ड में इन्वेस्टमेंट करते हैं जैसे की टी-बिल्स आदि ये सेफ इन्वेस्टमेंट होते हैं मनी मार्किट को कॅश मार्किट भी कहा जाता हैं
Mutual Fund में निवेश करने का Best तरीका
निवेशक SIP() के माध्यम से इसमें पैसे लगा सकते हैं सिप एक बेहतर विकलप हैं Mutual fund (म्यूच्यूअल फण्ड) में निवेश करने का। सिप एक निश्चित राशि को एक स्कीम में निवेश करने का तरीका हैं जिसे आप एक महीने या एक निश्चित अंतराल के माध्यम से पे कर सकते हैं। इसमें आप शरुवात Rs.500 से भी कर सकते हैं और इससे बढ़ा सकते हैं। सिप में एक छोटी राशि आपके अकाउंट से कटती हैं और रेगुलर निवेश होता हैं जो बाद में एक बड़ा प्रॉफिट हो सकता हैं। बाज़ार में लगभग म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम सिप के माध्यम से निवेश का मौका देती हैं।
SIP(Systematic Investment Plan) क्या होती हैं ?
SIP-systematic इन्वेस्टमेंट प्लान हैं जिसमे निवेश किस्तों के माध्यम से होता हैं एक निश्चित अवधि में निश्चित अंतराल पे। छोटे अमाउंट से भी शरू किया जा सकता हैं और बाद में सिप को बढ़ा भी सकते हैं सिप से किया गया निवेश लम्बे समय में मुनाफा देता हैं क्यूंकि समय के साथ इक्विटी मार्किट बेहतर मुनाफा देता हैं
SIP (सिप) के बहुत सारे फायदे हैं जैसे की छोटे अमाउंट से आप निवेश कर सकते हैं और जब पैसा निकलना हो तो आसानी से निकाल सकते हैं।SIP में जोखिम काम होता हैं क्यूंकि बाज़ार ऊपर हो या निचे सिप के जरिए investment में एवरेज आ जाती हैं जिससे रिस्क कम हो जाता हैं सिप से इन्वेस्टमेंट में अनुसासन बना रहता हैं जो के लॉन्ग टर्म में फायदे दे सकता हैं
आप अपने बैंक से ऑटो डेबिट फैसिलिटी से सिप भी कर सकते हैं जिससे हर महीने एक तय राशि आपके बैंक अकॉउंट से काट ली जाएगी जिससे आप रेगुलर निवेश करते रहेंगे ।
Best Mutual Fund कैसे चुने ?
म्यूच्यूअल फण्ड लेने से पहले जाने की आपके लिए कौन सा फण्ड बेस्ट हैं इसके लिए कुछः बातो का ध्यान रखना जरुरी हैं। जैसे की अपना लक्ष्य निर्धारित करना की आपको किस लक्ष्य के लिए फण्ड चाहिए और दूसरा यह की कितने समय में चहिए।म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम लेने से पहले इन पॉइंट्स को जाने ।१) फण्ड का पिछला प्रदर्शन कैसा रहा हैं और क्या यह भविष्य में भी रहेगा एक आंकलन जरूर ले अपनी रिसर्च करे।2) फण्ड को मैनेज करने वाले फण्ड मैनेजर क़े बारे में जाने फंड्स मैनेजर क़े द्वारा कौन से फण्ड मैनेज किया गया और इनका कैसा प्रदर्शन रहा हैं। 3) म्यूच्यूअल फण्ड की rating से भी आप चेक कर सकते हैं आप इसे रेटिंग एजेंसी CRISIL या ICRA पर भी चेक कर सकते हैं ।4) Mutual fund खरीदने से पहले आपको Expense Ratio और Exit Load के charges जान लेना जरुरी हैं क्यूंकि ये चार्ज आपके मुनाफे पे असर डालते हैं ये सब म्यूच्यूअल फण्ड की फीस होती हैं आपको ये चार्ज चेक कर लेना चहिए।ये सब जानकारी आप Moneycontrol की website से भी ले सकते हैं या इंटरनेट की मदद से भी पा सकते हैं।
Q-Mutual Fund क्या हैं ?
Ans- Mutual fund में कई लोगो का पैसा ईकठा लगाया जाता हैं। एक पेशेवर फण्ड मैनेजर इस पैसे के पूल को मैनेज करता हैं इस पैसे को शेयर मार्किट में निवेश किया जाता हैं
Q-NAV(Net Asset Value) क्या होती हैं ?
Ans- NAV (Net Asset Value)-Mutual fund की एक यूनिट वैल्यू NAV कहलाती हैं। NAV हर ट्रेडिंग डे के अंत में निकाली जाती हैं।
Q-SIP(Systematic Investment Plan) क्या होती हैं ?
SIP- जिसमे निवेश किस्तों के माध्यम से होता हैं एक निश्चित अवधि में निश्चित अंतराल पे।
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