What is Trading in Stock Market (Hindi)
Trading एक वस्तु का दूसरी वस्तु के साथ आदान-प्रदान है, लेकिन वित्तीय बाजार में एक व्यक्ति शेयर खरीदता है और दूसरा व्यक्ति शेयर बेचता है लेकिन शेयर को मुद्रा के आदान-प्रदान द्वारा किया जाता है। स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग में कई प्रकार की ट्रेडिंग की जाती हैं टाइम फ्रेम के हिसाब से Trading शार्ट टर्म के हिसाब से की जाती हैं। जैसे की इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, पोजिशनल ट्रेडिंग आदि।
Types of Trading(Hindi)|Trading कितने प्रकार की होती हैं
Intraday Trading-Inraday Trading केवल एक दिन दिन के लिए होती हैं किसी कंपनी के शेयर्स एक दिन में ही खरीदे जाते हैं और उसी दिन बेचे जाते हैं उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहतें हैं इसमें स्टॉक्स को कुछ मिनट्स से लेकर कुछ घंटों तक होल्ड किया जाता है। और मार्किट बंद होने से पहले ट्रेड काटना पड़ता हैं
Swing Trading-Swing Trading शार्ट टर्म के लिए होती हैं जिसे की ट्रेड एक दिन से ज्यादा यानी कुछ दिन या हफ्तों तक होती हैं या प्रॉफिट का इंतजार करते या ट्रेंड के साथ महीने भर भी ट्रेड को रख लिया जाता हैं इसमें ज्यादातर ट्रेडर स्विंग के लिए लेते हैं ताकि उन्हें उस स्विंग ट्रेड में प्रॉफिट मिल सके।
Positional Trading-Positional Trading कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनो तक हो सकते हैं और ये सब ट्रेड की प्रकृति के आधार पर होता हैं या अपनी आवश्यकता के अनुसार की आप कितना प्रॉफिट लेना चाहते हैं और कई बार स्टॉक प्राइस में मूवमेंट आने में समय लगता हैं और धीरे धीरे मूवमेंट शुरू होती हैं तो Position Trading में और समय लगता हैं।
Stock Market Trading करने से पहले यहां कुछ Notes दिए गए हैं?
किसी भी प्रकार के Trading के लिए कुछ पूर्वनिर्धारित विधियों का पालन किया जाना चाहिए। क्यूंकि ट्रेडिंग जोखिम भरी हो सकती हैं अगर इससे सही नॉलेज और डिसिप्लिन से नहीं किया गया हो। तो ट्रेडिंग के लिए एक सिस्टम और disciplined manner की जरुरत होती हैं साथ ही आपको अपने mindset पे भी काम करना होता हैं क्यूंकि ट्रेडिंग में Psychology काफी मायने रखती हैं
1. What is your Trading style ? |आपकी ट्रेडिंग शैली क्या है?
आपको अपने स्वयं के व्यक्तित्व को देखना होगा और एक Trading style का चयन करना होगा जो आपके लिए उपयुक्त हो, अपनी Trading style को परिभाषित करें, चाहे आप एक इंट्राडे , स्विंग ट्रेडर बनाना चाहते हैं।
2. What is your Time frame in Trading |Trading में आपकी समय सीमा क्या है?
आपको यह तय करना होगा कि आप किस समय सीमा में ट्रेडिंग करने जा रहे हैं। Day trading or Weekly Trade or Short Term ट्रेडिंग। उसी के हिसाब से आपको मार्किट में पार्टिसिपेट करना होगा और अपना रिस्क रिवॉर्ड तय करना होगा और चार्ट एनालिसिस भी उसी ट्रेडिंग फ्रेम के हिसाब से करना होगा।
3. आप किन Market में Trading कर रहे हैं?
परिभाषित करें कि आप किस बाजार में व्यापार करना चाहते हैं, स्टॉक, कमोडिटी या मुद्राएं। उस बाजार के मौलिक व्यवहार को समझने की कोशिश करें। जैसे यदि आप स्टॉक मार्केट का व्यापार कर रहे हैं तो आपको मौद्रिक नीति या बजट के दिन अधिक सतर्क रहना चाहिए। या किसी विशेष सेक्टर में ट्रेड करना चाहते हैं तो उस सेक्टर पे नज़र रखे।
4. आप प्रत्येक ट्रेड पर कितना जोखिम उठा रहे हैं?
पहले से यह तय करें कि आप अपनी भावनाओं और व्यक्तिगत जीवन पर कोई प्रभाव डाले बिना प्रति ट्रेड खोने में कितना सहज महसूस करते हैं। क्यूंकि ट्रेडिंग में लॉस भी उठाना पड़ता है और वो ट्रेडिंग का एक हिस्सा हैं पर नुक्सान उतना ले जो आप बेयर कर जाये और अगले ट्रेड के लिए उससे सीख ले की जो गलतिया की हैं वह न दोहराइए। इसके के लिए सबसे कारगर हैं स्टॉप लॉस जरूर रखे क्यूंकि उसमे पहले से लॉस तय होता हैं ।
5. आप किस प्रकार के Trader हैं?
परिभाषित करें कि आप किस प्रकार के Trader बनना चाहते हैं और उसी के अनुसार रणनीति, उपकरण और सिस्टम चुनें, जैसे Pullback ट्रेडर, Breakout ट्रेडर, Counter Trend ट्रेडर आदि।
6. आप अपने Trading Entry में कैसे प्रवेश करेंगे?
ट्रेड में सही समय पे enter करना बेहद जरुरी हैं वो कोई जोन या पैटर्न भी हो सकता हैं Structure, Indicators, Trendline, Candlestick Pattern पुष्टिकरण आदि के आधार पर तय करें कि आप Trading में कैसे प्रवेश करेंगे। ये ट्रेडर की खुद की समझ होती हैं की वो किस आधार पे ट्रेड में एंट्री करता हैं वो कैंडलस्टिक या कोई इंडिकेटर भी हो सकता हैं।
7. How & Where is your Stop Loss [आपका स्टॉप लॉस कहां है?]
आप अपना स्टॉप लॉस सेट करें जो की किसी के लिए मॉनेटरी स्टॉपलॉस हो सकता हैं या किसी के लिए सपोर्ट -Resistance पे चार्ट के आधार पे हो सकता हैं या किसी के लिए ट्रेडिंग कैपिटल का परसेंटेज या फिर टेक्निकल स्टडी के आधार पर किसी भी ट्रेड को रखने से पहले ट्रेडिंग के लिए अपना स्टॉप लॉस तय करें। क्यूंकि स्टॉपलॉस ही आपको ट्रेडिंग में बड़े लॉस से बचा सकता हैं।
8.How to set your Profit Target [आपका लाभ लक्ष्य कहां है?]
Trading करने से पहले अपना Profit Target तय करें। ये हर एक ट्रेडर के लिए अलग अलग हो सकता हैं कोई ट्रेंड के हिसाब से प्रॉफिट तय करता हैं या फिर मोमेंटम के हिसाब से या फिर चार्ट के support-Resistance के हिसाब से या फिर मॉनेटरी टर्म्स में। प्रॉफिट से पहले अपना लोस्स डिफाइन करे की एक ट्रेड में Maximum Loss कितना लेना हैं और सही Exit Point पे निकले ।
9.How to set your Position size in Trading|अपनी Trading Position का size तय करें ?
तय करें कि आप कितनी मात्रा में Quantity खरीदने जा रहे हैं। Position sizing बहुत अहम् हैं क्यूंकि लोस्स होने का एक मुख्य कारण Quantity per trade हैं। Quantity पर नियंतरण रखे क्यूंकि ज्यादा पोजीशन साइज कई बार लॉस का सबसे बड़ा कारण होती हैं क्यूंकि ज्यादा क्वांटिटी में ज्यादा कैपिटल लगता हैं अपनी क्वांटिटी को धीरे धीरे बढाय जब ट्रेड में आपको विस्वास हो अपनी स्टडी और अपने ट्रेडिंग सेटअप के आधार पे। आप ट्रेडिंग में पोजीशन की पिरॅमिडिंग कर सकते हैं पर जब ट्रेंड आपके फेवर में हो ।
10. अपनी ट्रेडिंग योजना को विश्वास के साथ Trade करें।
अपने ट्रेडिंग प्लान के साथ विस्वास से जाइये किसी भी ट्रेडिंग प्लान को Execute करने से पहले बैकटेस्ट कर ले की वो ट्रेडिंग प्लान काम कर रहा हैं या नहीं अपने ट्रेडिंग सेटअप को डिसिप्लिन से फॉलो करें और देखे ट्रेडिंग आपके लिए हैं या नहीं। क्यूंकि ट्रेडिंग एक psychology पे काफी निर्भर करती हैं की आप वहाँ फिट बैठते हैं या नहीं ।
Note-इस ब्लॉग लेख में ट्रेडिंग से सम्बंधित जो जानकारी दी गयी हैं वो केवल इनफार्मेशन और एजुकेशन के लिए हैं ट्रेडिंग एक जोखिम भरा बिज़नेस हैं आप इसके बारें में अपने फाइनेंसियल एडवाइजर से सलाह ले।